दूल्हे ने दहेज के 31 लाख रुपये लौटाकर सिर्फ 1 रुपये में की शादी, समाज के लिए नई मिसाल

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की रामपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव खजूर वाला में एक ऐसी अनोखी और प्रेरणादायक शादी सम्पन्न हुई, जिसने पूरे समाज के सामने एक मजबूत संदेश रखा। यहां दूल्हे दिग्विजय सिंह राणा ने शादी में दिए जा रहे 31 लाख रुपये के दहेज को ठुकराकर मात्र 1 रुपये लेकर विवाह किया।

शादी के दौरान लड़की पक्ष की ओर से दूल्हे को 15 लाख रुपये नकद का सूटकेस और 16 लाख रुपये का चेक दिया गया, लेकिन दिग्विजय ने दोनों को सम्मानपूर्वक वापस कर दिया। उन्होंने कहा—

“मेरे लिए दुल्हन ही दहेज़ है। कन्यादान से बड़ा कोई दान नहीं, मैं सिर्फ 1 रुपये में ही शादी करूँगा।”
A groom in Saharanpur set a powerful example by rejecting ₹31 lakh dowry and marrying with just ₹1, promoting a strong message against the dowry system.
यह सुनकर दोनों पक्षों में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और दिग्विजय के इस निर्णय की जमकर सराहना की गई।

दिग्विजय के पिता और क्षत्रीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कान सिंह राणा लंबे समय से दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। बेटे का यह निर्णय उनके विचारों का प्रत्यक्ष फल माना जा रहा है।
परिवारजनों और ग्रामीणों ने इसे दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ा कदम बताया और कहा कि समाज में बदलाव तभी आएगा जब युवा पीढ़ी स्वयं आगे आएगी।

दिग्विजय सिंह राणा पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और नोएडा की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी सिल्की राणा BBA पास हैं और बाल्लूमाजरा की रहने वाली हैं। 23 नवंबर को संपन्न हुआ यह विवाह अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सबका मानना है कि ऐसे साहसिक कदम समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ सकारात्मक बदलाव की राह प्रशस्त करेंगे।

दहेज में मिले कुल 31 लाख रुपये लौटाकर दिग्विजय ने साबित कर दिया कि शादी एक पवित्र बंधन है, लेन-देन का सौदा नहीं।
इस विवाह ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सही दिशा में कदम बढ़ाया जाए तो दहेज जैसी कुप्रथा धीरे-धीरे खत्म हो सकती है।

यह घटना आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आई है।
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Manoj Pundir

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