देहरादून। रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे बसे बस्तियों को बचाने की मांग को लेकर स्थानीय संगठनों ने एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। बस्ती बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों ने घोषणा की है कि प्रभावित परिवारों से एक लाख हस्ताक्षर एकत्रित कर मुख्य सचिव को प्रोजेक्ट निरस्त करने की मांग वाला ज्ञापन सौंपा जाएगा।
अब तक करीब 40 हजार हस्ताक्षर एकत्रित किए जा चुके हैं।
बताया गया कि रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे 150 से अधिक बस्तियां मौजूद हैं, जहां रहने वालों को एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट से विस्थापन का खतरा है। आंदोलनकारियों ने हर प्रभावित परिवार को मालिकाना हक या पुनर्वास उपलब्ध कराने, बाढ़ प्रभावितों को उचित सहायता देने और एनजीटी के बेदखली आदेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई है।
संगठनों का कहना है कि शहर में एलिवेटेड रोड की बजाय सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आंदोलन की बैठक में सीआईटीयू के महामंत्री लेखराज, जनवादी महिला समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल, भगवंत, विप्लव अनंत, नुरैशा अंसारी, सीमा, बिंदा मिश्रा, शबनम और रविंद्र नौडियाल सहित कई लोग उपस्थित रहे।
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