नागल (सहारनपुर)। पहाड़पुर गांव में शनिवार को संदिग्ध मानकर पकड़े गए दो कश्मीरी बुजुर्गों को पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने लंबी पूछताछ के बाद निर्दोष पाते हुए देर शाम रिहा कर दिया। दोनों बुजुर्ग भीख मांगकर अपना गुजर-बसर करते हैं और उनकी गतिविधियों में कोई संदिग्ध तथ्य नहीं मिला।
गांव में भीख मांगते समय कुछ युवकों को उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं, जिसके बाद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए और दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। ग्रामीणों ने उनके पास से मिले मोबाइल नंबर और आधार कार्ड भी पुलिस को सौंपे।
देवबंद एलआईयू की निरीक्षक रजनी सिंह ने बताया कि पूछताछ में दोनों की पहचान जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भाटा धूरिया गांव के निवासियों के रूप में हुई। ठंड बढ़ने पर वे हर साल अलग-अलग राज्यों में भीख मांगकर गुजारा करते हैं। उनके मोबाइल नंबर भी परिजनों के ही निकले।
सीओ देवबंद अभितेष सिंह ने बताया कि जांच में कोई भी संदिग्ध बात सामने नहीं आई, जिसके बाद दोनों को छोड़ दिया गया। हाल ही में जिले में आतंकी नेटवर्क से जुड़े एक डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं, जिसके चलते छोटी-सी सूचना पर भी त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
घटना के बाद गांव में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति की जानकारी तुरंत दें, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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